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तुम्हारी जिंदगी

कठिन है कष्टदायक है  जीवन बड़ा दुखदायक है | मगर जीना छोड़ देने में भी कहाँ की समझदारी है  हंस के  जियो या रो के , ये जिंदगी तुम्हारी है || कैद रहेगा  यूँ हीं तू कब तक इस मानसिक जाल में  हाँ माना कल तू था गिरा, कब तक रहेगा उस काल में | आगे बढ़ , क्यों है रुका , हर पल की तेरी साझेदारी है  हंस के जियो या रो के , ये जिंदगी तुम्हारी है || तेरा जीवन तू ही जाने कितने कष्ट उठाएं हैं  क्यों न आगे सह सकेगा , आज तक तो सहते आएं हैं | पुराना कुछ न होगा अब , कर नी नयी चुनौती की तैयारी है  हंस के जियो या रो के , ये जिंदगी तुम्हारी है|| एक मौका छिन  गया है और सैकड़ों गवां दिए  उस एक की आस में पल सैकड़ों दांव पर लगा दिए | मौके तुझपे लाख है , तेरी दास्तां उजियारी है  हंस के जियो या रो के , ये जिंदगी तुम्हारी है|| हाँ जीवन अँधियारा है मगर , मैं भी जलती मशाल हूँ  माना संघर्ष कठिन है मगर , मैं कठिनाइयों से विशाल हूँ || क्यों यूँ ही थम जाऊँ मैं , मेरे संघर्ष की मुझपर जिम्मेदारी है  हंस के जियूं क्यों रोऊँ मैं , ये जिंदगी हमारी है , ये जिंदगी बहुत प्यारी है ||