संघर्ष
हंस कर कट जातें है जीवन लाखों के फिर भी सुखी नहीं होते है लोग बनावट की हंसी के पीछे लाखो षडियंत्र लाखो लोभ कब वो दिन आएगा जब हम भी जीवन के मायने समझ पाएंगे किसी का दुश्मन यहाँ पैसा है तो किसी का गरीबी का रोग || अजीब बनावट है संसार के इन नियम नातों की समझने के लिए न जरुरत किताब न बातों की | जितना भी जो भी सीखेगा अनुभव से ही सीख पायेगा जिंदगी ऐसी धुप है जिससे बचने के लिए न जरुरत है ओढ़नी न छातों की || सिफारिश भी कहां तक ले जाएगी सोच लें मेहनत से कमाई एक अदनी सी चवन्नी को भी दबोच ले | जो सुख कर्म का पानी पीने में है वो उधारी का शरबत क्या दे पायेगा आलस के शैतान को अब तो पुरुषार्थ के नाखूनों से नोच ले || जला अंदर के दैत्य को जगा एक नयी आंधी मन में जीवन में विश्वास की लौ को थामे रखना चाहे जितनी जलन हो तन में| फिर देख कैसे सफलता का एहसास तेरे कदम चूमता रह जायेगा हर किसी को सुख प्राप्त नहीं होता संघर्ष का जीवन में || धन्यवाद्