मे.धा.वी. के कलम से ......
मेधा के मृदुल मृदंग
धारणा यह किसके संग||
वीभत्स वीरान मन में विश्वास जगमगाए
वंदनवार सफलता की हर बार मुझे आजमाएं||
शिथिल नहीं शिखर को इंतजार है मेरा
कागज नहीं काफिलों का संसार है मेरा||
मै एक नवजात कवयित्री हूँ जो अभी भी कविता को समझने में लगी है | कविताओं में छुपे रहस्य ही कविताओं को रोचक बनाते है ऐसा मेरा मानना है | अतः मेरी हर कविता दो चरणों में है पहली बार पढ़ने पर आम शाब्दिक अर्थ का बोध होता किन्तु कुछ बार और पढ़ने पर उसके पीछे छुपा रहस्य भी सामने आ जाएगा | धन्यवाद जय हिन्द
काव्य कला का उत्तम प्रदर्शन। अदभुत् एवं सराहनीय।
ReplyDeleteAwesome as always 🥰
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